सहम के बैठते हिम्मत जो हार जाते हम
ये सच है भीड़ के क़दमों तले कुचल जाते
सिसकते रहते कहीं घर के एक कोने में
मचलती अपनी ही नाकामियों से जल जाते
ये सच है भीड़ के क़दमों तले कुचल जाते
सिसकते रहते कहीं घर के एक कोने में
मचलती अपनी ही नाकामियों से जल जाते
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