दुआ
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तिल दुआ मेरी तूल तक पहुँची
टूटे दिल से नजू़ल तक पहुँची
जब तड़पती हुई दुआ रख दी
तब दुआ ये कबूल तक पहुँची
---डा.कमला सिंह 'ज़ीनत'
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तिल दुआ मेरी तूल तक पहुँची
टूटे दिल से नजू़ल तक पहुँची
जब तड़पती हुई दुआ रख दी
तब दुआ ये कबूल तक पहुँची
---डा.कमला सिंह 'ज़ीनत'
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12-03-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1915 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
ji shukriya
Deleteबहुत खूब,बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
ReplyDeletebehad shukriya madan ji
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