Sunday 8 November 2015

बडे ही फख्र की बात है हमारे लिए
कि हम एक औरत हैं
हम तहज़ीब हैं
हम एक सिलसिला हैं
हमारे ही नूर से यह जगमगाहट है
यह दुनिया हम बनाते हैं
आसमान को ईश्वर
तो धरती की खूबसूरती हमसे है
जब तक हम रहेंगे
यह धरती सूनी न रहेगी
जैसे ईश्वर जब तक रहेगा
यह सारा तामझाम रहेगा
धरती और आसमान रहेगा
मान रहेगा और सम्मान रहेगा

No comments:

Post a Comment