Tuesday 5 August 2014

बतौर -ए -ख़ास चार मिसरे आपके हवाले 
****************************************
मेरा दावा है,हाँ दावा है ,मेरा दावा है 
दूसरा मेरे मुक़ाबिल न कही पाओगे 
इन दमकते हुए चेहरों में वफ़ा है कितनी 
दो क़दम साथ चलोगे तो समझ जाओगे 
-----कमला सिंह 'ज़ीनत'

No comments:

Post a Comment