Saturday 20 July 2013

धूम मचा दिया बारिश की फुहारों ने, 
बादलों से निकली अंगारों ने,
बहकती ठंडी हवाओं ने ,
रस घोलती मीठी फजाओं ने
ख़ुशी से भीगती दिल की सदाओं ने 
सुहानी बरसात ने,
और उसमे झूमता हुआ मेरे दिल के तारों ने
खुद को को खुद में ढूँढती अपनी ही दुआओं में 
-------------------------------कमला सिंह 'जीनत'
                             २०/०७/१३ 

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