दिल के जज़्बात
Friday, 9 May 2014
मैंने इक
मूरत को इतना पूजा है कि
जाकर अब
तन्हाई में बैठ के मुझसे दिल का हाल सुनाता है
-----कमला सिंह 'ज़ीनत'
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
9 May 2014 at 09:22
सब्र का फल मिलता है :)
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सब्र का फल मिलता है :)
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