Saturday 24 May 2014

उन्वान*****रस्म,रीति ,रिवाज
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कोई ऐसा है कोई वैसा है
हर तरफ सिर्फ पैसा पैसा है
जी रहे हैं सभी परिशाँ से
रस्म क्या है रिवाज कैसा है
कमला सिंह 'जीनत'

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