Friday 23 May 2014

याद रखना बेवजह उस याद को फितरत नहीं 
जिससे मेरी कोई भी हर हाल में निस्बत नहीं 
दिल को समझाती रही वह भूल जाए सारी बात
और यह इक दिल है कि इस बात पे सहमत नहीं 

Kamla Singh 'zeenat'

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