Tuesday, 6 May 2014

एक मतला एक शेर 
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पहले ये मुझको बता दे जरा की तू क्या है
फूल है तू तो बता दे मुझे खुश्बू क्या है
इतना पोशीदा तेरा हाल है तो बोल ज़रा
जो छुपाता है बहरहाल रु-ब -रु क्या है
-----कमला सिंह 'ज़ीनत

Pahle ye mujhko bata de zara ke tu kya hai phool hai tu to bata de mujhe khushbu kya hai itna poshida tera haal hai to bol zara jo chchupa ta hai baharhaal ru ba ru kya hai
--------------kamla singh 'zeenat'

1 comment:

  1. -सुंदर रचना...
    आपने लिखा....
    मैंने भी पढ़ा...
    हमारा प्रयास हैं कि इसे सभी पढ़ें...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना...
    दिनांक 08/05/ 2014 की
    नयी पुरानी हलचल [हिंदी ब्लौग का एकमंच] पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...
    आप भी आना...औरों को बतलाना...हलचल में और भी बहुत कुछ है...
    हलचल में सभी का स्वागत है...

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