ऐ ग़ज़ल -एक नज़म
**********************
ए ग़ज़ल बैठ मेरे सामने तू
मैं सवारुंगी तुझे
मैं निहारूंगी तुझे
मैं उभारुंगी तुझे
ए ग़ज़ल मेरी ग़ज़ल
ए मेरी शान ए ग़ज़ल
ए मेरी रूह ए ग़ज़ल
ए मेरी फिक्र ए ग़ज़ल
ए मेरी जान ए ग़ज़ल
ए मेरी जश्न ए ग़ज़ल
ए मेरी सुभ ए ग़ज़ल
ए मेरी सोज़ ए ग़ज़ल
ए मेरी साज़ ए ग़ज़ल
तेरे बिन चैन कहाँ
तेरे बिन जाऊं कहाँ
तू मेरी दिल की सुकून
तू ही धड़कन है मेरी
तू ही साँसों में बसी
तू ही एहसास मेरी
तू ही ज़ज्बात मेरी
तू ही आगाज़ मेरी
तू ही अंजाम मेरी
ए मेरी शान ए ग़ज़ल
ए मेरी जान ए ग़ज़ल
आ मेरे सामने बैठ
मैं सवारुंगी तुझे
मैं सवारुंगी तुझे
-कमला सिंह 'जीनत'
BAHUT SHUKRIYA AAPKA
ReplyDeleteबढ़िया है :)
ReplyDeletebahut shukriya
Deleteक्या बात है आपके गज़ल की।
ReplyDeleteshukriya asha ji
Delete