दिल के जज़्बात
Saturday, 17 May 2014
मेरी यादों की बस्ती में
चली आई सुनामी
थी
तेरे एहसास की हर चीज़ को बर्बाद कर गुज़री
-----कमला सिंह 'ज़ीनत'
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