Friday, 30 May 2014

देखो 
अमर्यादित शब्दों के साहूकारों 
मत फैलाओ फूलों की मंडी में गंध 
हवा के होने पर पूरी तरह से ज़हरीला 
मर जाओगे हवा के सर सर से ही
देखा है कभी ?
अपने अन्दर गुरुत्वाकर्षण को कम होते ? 
बावले पन की तराजू पर सम्मान का तौल नहीं हो सकता 
नहीं नहीं नहीं 
कभी नहीं कभी नहीं 

कमला सिंह 'ज़ीनत'

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