देखो
अमर्यादित शब्दों के साहूकारों
मत फैलाओ फूलों की मंडी में गंध
हवा के होने पर पूरी तरह से ज़हरीला
मर जाओगे हवा के सर सर से ही
देखा है कभी ?
अपने अन्दर गुरुत्वाकर्षण को कम होते ?
बावले पन की तराजू पर सम्मान का तौल नहीं हो सकता
नहीं नहीं नहीं
कभी नहीं कभी नहीं
कमला सिंह 'ज़ीनत'
अमर्यादित शब्दों के साहूकारों
मत फैलाओ फूलों की मंडी में गंध
हवा के होने पर पूरी तरह से ज़हरीला
मर जाओगे हवा के सर सर से ही
देखा है कभी ?
अपने अन्दर गुरुत्वाकर्षण को कम होते ?
बावले पन की तराजू पर सम्मान का तौल नहीं हो सकता
नहीं नहीं नहीं
कभी नहीं कभी नहीं
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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