चाँद कह के तुझे पुकारुँगी
तुझको हर शब यूँही गुजा़रुँगी
माँग कर एक दिन खुदा से तुझे
दिल के इस झील में उतारुँगी
-----------कमला सिंह 'ज़ीनत'
तुझको हर शब यूँही गुजा़रुँगी
माँग कर एक दिन खुदा से तुझे
दिल के इस झील में उतारुँगी
-----------कमला सिंह 'ज़ीनत'
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