दिल के जज़्बात
Sunday, 27 July 2014
रुत हुए सुहाने देखिए ,अब गुलों की बात कीजिए
खुश्बूओं में हो बसर सहर,खुश्बूओं में रात कीजिए
------कमला सिंह "ज़ीनत "
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