दिल के जज़्बात
Wednesday, 16 July 2014
इश्क का कटोरा _____________ इश्क के कटोरे में तेरे प्यार की शरबत मैं रोज़ इस तडप के साथ पीती हू़ँ जैसे कि शिद्दत की गर्मी हो और मैं प्यासी रोजे़दार वह रोजे़दार जिसे सहरी तक नसीब न हो । कमला सिंह 'ज़ीनत'
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