Tuesday, 1 July 2014

कांटे **** कांटों से उम्मीद हम नहीं करते जानते हैं हम उन्हें उनकी फितरत उनकी तासीर उनकी आदत चीरना,फाड़ना ज़ख्म देना पीढा पहुँचाना लहूलहान करना आह दर्द और सिसकन हाँ यह सच है काँटे उगते हैं उगाए नहीं जाते
--कमला सिंह 'ज़ीनत '

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