आप जब जब मुझे याद आते रहे
हम ग़ज़ल अपनी ही गुनगुनाते रहे
एक पल खुद को तन्हा न होने दिया
याद करते रहे मुस्कुराते रहे
---------------कमला सिंह 'ज़ीनत'
हम ग़ज़ल अपनी ही गुनगुनाते रहे
एक पल खुद को तन्हा न होने दिया
याद करते रहे मुस्कुराते रहे
---------------कमला सिंह 'ज़ीनत'
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