Wednesday, 30 April 2014

तेरे लफ़्ज़ों से बनी हूँ मैँ 
तेरी सांसों में पली हूँ मैं 
कहते हो शायरी जिसे 
तेरे प्यार में ढली हूँ मैँ 

 कमला सिंह 'ज़ीनत'

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