Wednesday, 23 April 2014

मौज़े दरिया करे शिकार मेरा ,या तो फिर वो शिकार हो जाये 
ये तो क़िस्मत की बात है यारों ,कश्ती डूबे ,की पार हो जाये 
-------कमला सिंह 'ज़ीनत'

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