Thursday, 1 August 2013

हसरत मेरी

एक दिन पूछा हसरतों से मैंने 
तू ख्वाबों में आता क्यों है 
आकर सताता क्यों है 
रुलाता क्यों है हसाता क्यों है 
और आता है तो जाता क्यों है 

गरीबो को तोड़ता है और 
अमीरों को जोड़ता क्यों है 
दिलों में आस जगाता क्यों है 
पाने का भ्रम दिखाता क्यों है 
मरीचिका में घुमाता क्यों है 

प्यास को बढाता क्यों है 
सबको बेवकूफ बनाता क्यों है 
जिंदगी को मुझ से मिलाता क्यों है 
मिलता है तो मुझसे चुराता क्यों है
-------------------------कमला सिंह जीनत  
                                01/08/13

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