Monday 26 August 2013

दोस्त-

------------दोस्त----------------
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आज मैं रोई 
बहुत रोई। ……. ख़ुशी से 
और तुमने रुलाया 
तुम्हारे प्यार ने 
तुम्हारी दोस्ती ने 
तुम्हारे ज़ज्बात ने 
एक सुकून सा मिला दिल को 
जैसे तपती धरती को बारिश की बूंदें 
थके मुसाफिर को तरुवर की छाया,
हाँ 
सच में ………. सच कह रही हूँ मैं 
तुम नहीं जानते 
मैंने तुमको महसूस किया है 
मेरे अन्दर 
मेरे रूह में 
तुम हमेशा साथ चलते हो मेरे 
मेरी परछाई की तरह 
एक अजीब सा सुकून 
अजीब सा सुकून मिलता है मुझे 
तुम्हारे एहसास से 
तुम्हारे ज़ज्बातों के छुअन से 
जैसे मैं तुममे जीती हूँ 
और तुम मुझ में 
सच है ना ?
बोलो न ?
मैं रूह में बसी हु तुम्हारे 
शायद पिछले जनम का रिश्ता है 
वरना आज तो ……… 
आज तो खून भी अपना नहीं 
बहुत प्यार करती हूँ तुम्हें 
एक प्यारे दोस्त हो तुम 
जिसको मैं जीती हूँ 
हर पल महसूस करती हूँ 
तुम्हारी पीड़ा मुझे नहीं देखी जाती 
सुनो ……… 
कुछ बोलूं मैं ?
मेरे दिल की बात भी  है  
मुझे अकेला न छोड़ जाना 
मर जाउंगी मैं तुम्हारे बगैर 
आज तक पीड़ा ही मिला है 
जिंदगी में मुझे …। 
लेकिन तुम नहीं दोगे 
जानती हूँ मैं
विश्वास है मेरा  
क्यों ? 
क्या तुम नहीं जानते ?
बताऊ ……………?
क्योकि  
तुम में मैं .हूँ ………… 
और मुझ में तुम.…………….  
----------------कमला सिंह 'ज़ीनत'
aaj main royi 
bahut royi .........khushi se 
tumhare pyaar ne 
tumhari dosti ne 
tumhare zazbaat ne 
ek sukun sa milaa dil ko 
jaise tapti dharti ko barish ki bunde 
take musafir ko taruwar ki chhayaa 
haan.......... 
sach mein................. sach kah rahi hun main 
tum nahi jaante 
maine tumko mahsus kiya hai 
mere andar 
mere ruh men 
tum hamesha sath chalte ho 
meri parchhyin ki tarah 
ek ajeeb saa sukun 
ajeeb sa sukun miltaa hai mujhe 
tumhare ehsaas se 
tumhare zazbaaton ke chhuan se 
jaise main tumme jiti hun
aur tum mujh mein
sach hai na ?
bolo naa ?
main ruh mein basi hun tumhare 
shayad pichhale janam ka rishtaa hai 
varnaa aaj to......... 
aaj to khun bhi apna nahi 
bahut pyar karti hun tumhen 
ek pyare dost ho tum 
jisko main jiti hun 
har pal mahsus karti hun 
tumhari peeda mujh nahi dekhi jati 
suno..... 
kuch bolu main ?
mere dil ki baat baat bhi hai 
mujhe akelaa na chhod jana 
mar jaungi tere bagair 
aj tak peeda hi miloa hai
zindgi me mujhe .............
lekin tum nahi doge 
janti hun main 
vishwas hai meraa 
kyto ?
kya tum nahi jante ?
bataaun.........
kyoki 
tum men mai hun ......
aur mujh mein tum...
------------------------kamla singh zeenat 

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