------------दोस्त----------------
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आज मैं रोई
बहुत रोई। ……. ख़ुशी से
और तुमने रुलाया
तुम्हारे प्यार ने
तुम्हारी दोस्ती ने
तुम्हारे ज़ज्बात ने
एक सुकून सा मिला दिल को
जैसे तपती धरती को बारिश की बूंदें
थके मुसाफिर को तरुवर की छाया,
हाँ
सच में ………. सच कह रही हूँ मैं
तुम नहीं जानते
मैंने तुमको महसूस किया है
मेरे अन्दर
मेरे रूह में
तुम हमेशा साथ चलते हो मेरे
मेरी परछाई की तरह
एक अजीब सा सुकून
अजीब सा सुकून मिलता है मुझे
तुम्हारे एहसास से
तुम्हारे ज़ज्बातों के छुअन से
जैसे मैं तुममे जीती हूँ
और तुम मुझ में
सच है ना ?
बोलो न ?
मैं रूह में बसी हु तुम्हारे
शायद पिछले जनम का रिश्ता है
वरना आज तो ………
आज तो खून भी अपना नहीं
बहुत प्यार करती हूँ तुम्हें
एक प्यारे दोस्त हो तुम
जिसको मैं जीती हूँ
हर पल महसूस करती हूँ
तुम्हारी पीड़ा मुझे नहीं देखी जाती
सुनो ………
कुछ बोलूं मैं ?
मेरे दिल की बात भी है
मुझे अकेला न छोड़ जाना
मर जाउंगी मैं तुम्हारे बगैर
आज तक पीड़ा ही मिला है
जिंदगी में मुझे …।
लेकिन तुम नहीं दोगे
जानती हूँ मैं
विश्वास है मेरा
क्यों ?
क्या तुम नहीं जानते ?
बताऊ ……………?
क्योकि
तुम में मैं .हूँ …………
और मुझ में तुम.…………….
----------------कमला सिंह 'ज़ीनत'
aaj main royi
bahut royi .........khushi se
tumhare pyaar ne
tumhari dosti ne
tumhare zazbaat ne
ek sukun sa milaa dil ko
jaise tapti dharti ko barish ki bunde
take musafir ko taruwar ki chhayaa
haan..........
sach mein................. sach kah rahi hun main
tum nahi jaante
maine tumko mahsus kiya hai
mere andar
mere ruh men
tum hamesha sath chalte ho
meri parchhyin ki tarah
ek ajeeb saa sukun
ajeeb sa sukun miltaa hai mujhe
tumhare ehsaas se
tumhare zazbaaton ke chhuan se
jaise main tumme jiti hun
aur tum mujh mein
sach hai na ?
bolo naa ?
main ruh mein basi hun tumhare
shayad pichhale janam ka rishtaa hai
varnaa aaj to.........
aaj to khun bhi apna nahi
bahut pyar karti hun tumhen
ek pyare dost ho tum
jisko main jiti hun
har pal mahsus karti hun
tumhari peeda mujh nahi dekhi jati
suno.....
kuch bolu main ?
mere dil ki baat baat bhi hai
mujhe akelaa na chhod jana
mar jaungi tere bagair
aj tak peeda hi miloa hai
zindgi me mujhe .............
lekin tum nahi doge
janti hun main
vishwas hai meraa
kyto ?
kya tum nahi jante ?
bataaun.........
kyoki
tum men mai hun ......
aur mujh mein tum...
------------------------kamla singh zeenat
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