Tuesday, 20 August 2013

ख्वाब के झूले पे हर रोज़ झुलाता है मुझे
नींद खुलती है तो बेगाना बना देता है
-------------------कमला सिंह ज़ीनत
khwab ke jhule pe har roz jhulata hai mujhe neend khulti hai to begana bana deta hai
-----------------------kamla singh zeenat

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