Sunday, 25 August 2013

किसका इंतज़ार -------------------------

किसका इंतज़ार 
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क्या सोचते हो ?
मैं इंतज़ार करती हूँ तेरा ?
नहीं। …… कभी नहीं 
क्यों करूँ मैं इंतज़ार 
कौन हो तुम? 
कौन हो मेरे? 
क्यों पूछते हो ये सवाल ?
खुश हूँ मैं 
मत जाओ मेरी आँखों पर 
वो हमेशा झूठ बोलती हैं 
और मैं। …………… 
सच.…  
हमेशा सच
तभी तो गिला है मुझसे 
तुमको ही नहीं 
सारी दुनिया को है 
चले जाओ 
चले जाओ मेरे तसव्व्वुर से 
मेरे ख्यालों से 
नहीं है प्यार 
नहीं करती हूँ इंतज़ार 
तनहा छोड़ दो मुझे 
मेरे तन्हाईयों के साथ 
चले जाओ 
चले जाओ मेरे दिल से 
कभी ना आने के लिए 
------------------कमला सिंह ज़ीनत 
 kya sochte ho ?
main intzaar karti hun teraa ?
nahi .......... kabhi nahi 
kyu karun mai intzaar 
kaun ho tum ?
kaun hoo mere 
kyu puchte ho ye swaal ?
khush hun main 
mat jaao merii aankhon par 
vo hameshaa jhuth bolti hain 
aur main ............... 
sach 
hameshaa sach 
tabhi to gilaa hai mujhse 
tumko hi nahi 
sari duniyaa ko hai 
chale jao 
chle jao mere tasawwur se 
mere khayaalon se 
nahi hai pyar 
nahi karti hun intzaar 
tanhaa chhod do mujhe 
mere tanhaayiyon ke sath 
chle jao 
chale jao mere dil se 
kabhi na aane ke liye 
----------------kamla singh zeenat 

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