Sunday, 23 February 2014

मेरा भी कोई है ****************** दुनिया की निगाहें सुनो इक बात यह दिल की मेरा भी ठिकाना है घरौंदा भी मेरा है भगवान भी मेरा है मेरा कोई खुदा है परवाज़ भी है और फलक मेरा है अपना हर हाल में हर्गिज़ कभी मोहताज नहीं मैं चलने लिए पांव है खाने के लिए हाथ रहमो करम की भीक यह किस काम के मेरे हम शान व शौकत से जिये हैं और जियेंगे रहमत की बारिशें हैं समुन्दर है साथ साथ जो तुमको समझ आता है सच है कि वही है तन्हा नहीं मैं बज्म में मेरा भी कोई है दुनिया की निगाहें सुनो कमला सिंह 'ज़ीनत'

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