दिल के जज़्बात
Saturday, 8 February 2014
बिक गया है ऐ ख़ुदा
इंसान तेरे जहान का
करता है मोल भाव बैठ कर कब्रिस्तान का
क़ीमत नहीं कुछ भी ज़मीर और ईमान का
बिक रहा है धीरे धीरे खून हिंदुस्तान का
--------कमला सिंह 'ज़ीनत'
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