उँगलियाँ छोटी बहुत हैं तेरी उठा मत तू
कट के गिर जाएँगी किरदार तक आते आते
कमला सिंह 'ज़ीनत'
कट के गिर जाएँगी किरदार तक आते आते
कमला सिंह 'ज़ीनत'
रगों में दौड़ रहा है लहू खुद्दारी का
उबाल आएगा तो लाल लाल कर देगा
कमला सिंह 'ज़ीनत'
उबाल आएगा तो लाल लाल कर देगा
कमला सिंह 'ज़ीनत'
एक उम्दह सी ग़ज़ल लिखने की ख्वाहिश मेरी
भूक और प्यास के मोआनी ही बदल देती है
kamla singh zeenat
भूक और प्यास के मोआनी ही बदल देती है
kamla singh zeenat
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