Monday 10 February 2014

जिंदगी गाड़ी की भांति 
तेजी से भागती 
अपने रफ्तार से
कभी रूकती 
कहीं ठहरती 
टूटती भी 
फूटती भी 
कभी कुछ परेशानी 
कभी खींचातानी 
फिर रिपेयर 
और तैयार है
फिर से
जिंदगी की भांति
आगे बढ़ने के लिए.......
..कमला सिंह "जीनत "

1 comment:

  1. बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट प्रस्तुति, धन्यबाद .

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