दर्द हद से जब ज्यादा बढ़ जाये तो मिट जाते हैं लोग
गम में डूब कर खुद को खुद से भुला देते हैं लोग
क्या फलसफा है मोहब्बत का,ये चलन भी है यारों
जिंदगी में दिल की खातिर खुद ही ज़हर घोलते हैं लोग
---------------------------------------कमला सिंह जीनत
०२/०८/१३
dard had se jab jada bad jaye tho mit jate hai log
gum me dub kar khud ko bhul jate hain log
kya falsfaa hai mohabbat ka bhi yaron
zindgi me dil ki khatir khud hi zahar gholte hain log
---------------------------------------------कमला सिंह जीनत
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