मुहब्बत तेरी तो जीनत है जुगनू की तरह चम्-चम्
कहीं घुंगरू की रुनझुन है,कही पाजेब की छम-छम
-----------------------------------कमला सिंह जीनत
muhabbat teri to zeenat hai jugnu ki trah cham cham
kahin ghungru ki runjhun hai,kahin pazeb ki chcham chcham
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