गिरवी रख आई दिल मेरा उस अजनबी के पास
अब उसे छुड़ाने की ना हिम्मत रही और न ही रहा आस,
अपने ख्वाबों और हसरतों के अश्कों से सींचा था जिसे
अब उस पर भी मेरा कोई हक नहीं और ना ही जिंदगी रही मेरी खास।।
..................................................कमला सिंह ..
girvi rak aayi dil mera us ajnabi ke pas
ab usse chudane ki himmat nahi aur na hi raha aas
apne khwabon aur hasrton ke ashqo se sincha tha jise
ab us par bhi mera koi haq nahi aur na hi raha vo khas
..................................................kamla singh ..
वाह बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ ह्रदय स्पर्शी भाव हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteबेहतरीन ...
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