Sunday 23 June 2013

सुकून

निकल गए जख्म दिलों के 
रुख हवाओं का बदल गया। 

तूने मरहम जो लगाया इश्क का 
इबादत में तेरे सर मेरा झुक गया।

कामयाबी नसीब हो तुझे इश्क की 
मेरा दिल जो अब तेरा हो गया।

दावत दे उन शिकस्ता रूहों को भी 
देखकर हमें"उन्हें" भी सुकून आ गया।
-----------------------कमला सिंह 

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