तेरे प्यार ने दर्द की मल्लिका बना दिया
तू भी तो आ के देख तूने क्या सिला दिया ,
सम्राज्या है सारा आस-पास खुशिओं में डूबा
दुखों के खजाने से तूने मुझको सजा दिया।
क्या कहूँ तुझे मैं कि राज्य सूना है तुम बिन
मरती हूँ मैं भी हर पल घुट-घुट के तुझ बिन।
संभाले नहीं संभलता ये दुखों का ताज
बाँट लो मुझसे सबके दिलों का राज़।
पा जाऊं मैं मुक्ति तुम्हारे हांथों से ,
निजात मिले दुःख-दर्द और ज़ज्बातों से।
----------------------कमला सिंह
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