Thursday, 20 June 2013

तस्सवुर में मेरे बसता था जो शख्स 
ख्यालों में नज़र आता है उसका ही अक्स 
तमाम कोशिशों के बाद भी निकला नहि वो रूह से 
जुड़ गया है वो मेरे ही लहू और मेरे वजूद से।
----------------------------------------कमला सिंह 

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