Wednesday, 4 December 2013

जितनी सजदा करूँ तेरी ऐ खुदा वो ज़ीनत की ज़िंदगी से कम है 
तेरी रहमतों के बदले ज़िंदगी ले ले मेरी या खुद को मेरा कर दे 
-------------------------कमला सिंह ज़ीनत

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