Friday, 6 December 2013

किसी कि ज़िंदगी से खेलकर मज़िल तू क्या पायेगा 
वो जानता  नहीं ईश्वर को क्या मुँह दिखायेगा 
------------कमला सिंह ज़ीनत 

ज़मीर इंसान का गर  मर गया क्या कहिये 
हैवानियत भी तर गया ,और क्या कहिये 
--------कमला सिंह ज़ीनत 

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