तमन्ना दिल की बयाँ ज़ुबां से करो
जो दिल में है तुम्हारे, कुछ तो कहो।
पत्थरों की बुत बने, यूँ खामोश न रहो,
उम्र-ए-दराज़,पैमाने का इंतजार न करो।
कभी तो दिल की कहो,कभी दिल की सुनो
कभी बेगानों को, अपनाने की सुनो।
कभी तो दिल की कहो,कभी दिल की सुनो
कभी बेगानों को, अपनाने की सुनो।
रंगों की तरह बदलते हो कपड़े इश्क़ में,
यूँ पेश आकर जज़्बातों को हैरान न करो।
आज एक झूठ है,नफरत करती हूँ तुमसे,
झूठ तुम भी बोलो मोहब्बत है मुझसे।
.........कमला सिंह .........
.........कमला सिंह .........
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