Wednesday, 1 May 2013

कुछ तो कहो...


तमन्ना दिल की बयाँ ज़ुबां से करो 
जो दिल में है तुम्हारे, कुछ तो कहो।

पत्थरों की बुत बने, यूँ खामोश न रहो, 
उम्र-ए-दराज़,पैमाने का इंतजार न करो।

कभी तो दिल की कहो,कभी दिल की सुनो
कभी बेगानों को, अपनाने की सुनो।

रंगों की तरह बदलते हो कपड़े इश्क़ में, 
यूँ पेश आकर जज़्बातों को हैरान न करो। 

आज एक झूठ है,नफरत करती हूँ तुमसे, 
झूठ तुम भी बोलो मोहब्बत है मुझसे।
.........कमला सिंह ......... 

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