बहुत खुश हो रहे हो अपनी बेवफ़ाई पे
कितनी जल्दी भूल गए वो वक्त
हँसी आती है तुम्हें मेरी दर्द भरी कहानी पे।
कितनी जल्दी भूल गए वो वक्त
खाई थी तरस जब मैंने तेरी जवानी पे।
मत भूलो दिल कोई दुकान नहीं होता
हर जगह मिल जाए वो सामान नही होता।
जब जब दुनिया तुम्हे सताएगी
तुम्हे मेरी बहुत याद आएगी।
खा- खा खाकर ठोकरे ज़माने की
अपनी हालत पे खुद आसू बहाओगे।
कही भी तुम्हे कोई सहारा ना मिलेगा
फिर तुम लौट के मेरे पास ही आओगे।
आखो में जिंदगी की चमक लिए
वफ़ा की राह पे मुझ को ही पाओगे।
घबराओगे, शरमाओगे मेरे पास आने से
मुझे कोई शिकायत नहीं होगी,तेरे फ़साने से ....
........कमला सिंह ......
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