एक तमन्ना है फ़कत निगाहेबान रखना,
निगाहें किसी और को ढूंढे तो बुरा लगता है ।
मेरी धड़कन हो तुम, मेरी सांसे हो तुम,
दिल किसी और की ख़ातिर धड़के तो बुरा लगता है ।
मेरा इश्क हो तुम मेरा जूनुन हो तुम,
तुम्हारा इश्क कोई और हो तो बुरा लगता है ।
अरमान-ए-ज़िन्दगी हो तुम यूँ ही साथ चलो,
अपनाओ उल्फ़त में किसी और को तो बुरा लगता है ।
जाना ना यूँ ही तनहा छोड़ कर तुम मुझे,
राहे इश्क की इन वादियों में तुम-
किसी और के हो जाओ तो बुरा लगता है ।
निगाहें किसी और को ढूंढे तो बुरा लगता है ।
किसी और के हो जाओ तो बुरा लगता है ।
........''कमला सिंह''............
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