Sunday, 26 May 2013

भूखे पेट को गरीबी खाती है 
गरीबी को मज़बूरी खाती है 
मज़बूरी को ज़मीर खाता है 
और ज़मीर को बेईमान खाते हैं।
-------कमला सिंह -------

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