वापस आये हो
फिर से दर्द बढ़ाने के लिए
फिर से दर्द बढ़ाने के लिए
जानते हो किस कदर मज़बूर हूँ ,
तुम्हे पाने के लिए ....
बहुत ही गहरा ज़ख्म देते हो,
मुझे तड़पाने के लिए।
मज़ा भी आता है ,'खूब'तुम्हे मेरा
नींद,चैन उड़ाने के लिए।
हमेशा ही दर्द देते हो,
मुझे'तुम अपना'
सुकून पाने के लिए।
मुझ पर तरस आता नहीं तुम्हे,
लबों पर अपने
मुस्कुराहट लाने के लिए।
कर लो एक और आखिरी सितम,
छीन लो जिंदगी मेरी,
अपनी जिंदगी खुशियों से
महकाने के लिए
.....कमला सिंह .....
महकाने के लिए
.....कमला सिंह .....
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