Friday, 8 August 2014

मेरा भैय्या नहीं रहा तो वक्त ने पाखी बाँध दिया मेरी कि़स्मत के दाने पर लिख पर'वासी बाँध दिया फूल खिला था घर में मेरे बिल्कुल मेरे भैय्या सा फूल को चूमा टहनी पकडी़ प्यार से राखी बाँध दिया
-------कमला सिंह 'ज़ीनत'

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