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आरज़ू बहुत थी तुझे पाने की
चाहत भी थी दिल लगाने की
नसीब में क्या है ये जानू न
ख्वाहिश है तुझपे जां लुटाने की
------कमला सिंह ज़ीनत
aarazu bahut thi tujhko pane ki
chahat bhi thi dil lagane ki
naseeb me kya hai ye jaanu na
khwahish hai tujhpe jaan lutaane ki
-----------kamla singh zeenat
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