Saturday, 23 November 2013

आओ या ना आओ ग़म नहीं ज़ीनत मुझको 
यादों में मुझको संजोये रखना ख्वाबों की तरह 
----------------कमला सिंह ज़ीनत 

aao ya na aao gam nahi zeenat mujhko 
yadon me mujhko sanjoye rakhna khwabon ki tarah 
-----------------------kamla singh zeenat 


टेढ़ी मेढ़ी गलियों से गुजरता था काफिला उसका ज़ीनत 
हरेक गलियों में चिराग उम्मीदों का जलाया मैंने 
--------------------कमला सिंह ज़ीनत 

tedhi medhi galiyon se gujrtaa tha kafila uska aji zeenat 
harek galiyon mein chirag umidon ka jalaya maine 
---------------------------kamla singh zeenat 

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