Tuesday, 19 November 2013

इंतिशार हुआ चाहत में आशियाना ज़ीनत का  
तिनका-तिनका जोड़ कर बना था घरौंदा वो मेरा 
-------------------कमला सिंह ज़ीनत 
 इंतिशार --तितर-बितर 

intishar huaa chaht mein aashiyaana zeenat ka 
tinka-tinka jod kar bana tha gharaunda wo mera 
------------------------kamla singh zeenat

तारिज़ था ज़माने को उन्सियत की हद देख ज़ीनत के वास्ते  
खुदारा खैर करे पाकीज़गी से भरे बांवलेपन को उसकी। 
------------------------कमला सिंह ज़ीनत 
तारिज़ ----आपत्ति उन्सियत --चाहत 

taariz tha zamane ko unsiyat ki had dekh zeenat ke waste 
khudara khair kare pakizgi se bhare bawalepan ko uski  
-------------------kamla singh zeenat 

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