इंतिशार हुआ चाहत में आशियाना ज़ीनत का
तिनका-तिनका जोड़ कर बना था घरौंदा वो मेरा
-------------------कमला सिंह ज़ीनत
इंतिशार --तितर-बितर
intishar huaa chaht mein aashiyaana zeenat ka
tinka-tinka jod kar bana tha gharaunda wo mera
------------------------kamla singh zeenat
तारिज़ था ज़माने को उन्सियत की हद देख ज़ीनत के वास्ते
खुदारा खैर करे पाकीज़गी से भरे बांवलेपन को उसकी।
------------------------कमला सिंह ज़ीनत
तारिज़ ----आपत्ति उन्सियत --चाहत
taariz tha zamane ko unsiyat ki had dekh zeenat ke waste
khudara khair kare pakizgi se bhare bawalepan ko uski
-------------------kamla singh zeenat
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