दिल के जज़्बात
Saturday, 1 August 2015
एक शेर ताज़ा
हमारी सुरमई रातों की शाख पर अक्सर
तुम्हारी यादों के जुगनू मचलते रहते हैं
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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