दिल के जज़्बात
Sunday, 17 May 2015
एक मूरत हो तुम भी
भगवान तो नहीं हो ?
बचपन से जिद्दी हूँ मैं
बहुत सारे खिलौने खोया है मैने
रोया है मैने ।
डा.कमला सिंह 'ज़ीनत'
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