उस दिन को क्या कहूँ ?
काला दिन ?
या जिंदगी का एक हसीन पल
जब तुम मिले थे मुझसे
तुममे जो सबसे बडी खराबी है
वह है
ज़रूरत से ज्यादा बोल जाना
और जो आदत मुझे नापसंद है
बदलाव जब तक नहीं लाओगे तुम
अपने अंदर
समझो यह अलगाव की नदी
दो पाटों के बीच गुज़रती रहेगी
हमेशा,हमेशा,हमेशा
काला दिन ?
या जिंदगी का एक हसीन पल
जब तुम मिले थे मुझसे
तुममे जो सबसे बडी खराबी है
वह है
ज़रूरत से ज्यादा बोल जाना
और जो आदत मुझे नापसंद है
बदलाव जब तक नहीं लाओगे तुम
अपने अंदर
समझो यह अलगाव की नदी
दो पाटों के बीच गुज़रती रहेगी
हमेशा,हमेशा,हमेशा
-------कमला सिंह 'ज़ीनत'
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