क्या हो तुम
क्या है तुम्हारे नाम का असर
जादूगर तो नहीं हो कोई
अचम्भित कर देते हो कभी कभी
लगातार पीसती रही मेहदी
हरी की हरी ही रही
तेरा नाम लिखते ही हथेली पर
सहम कर लाल हो गई है
देखो न
क्या है तुम्हारे नाम का असर
जादूगर तो नहीं हो कोई
अचम्भित कर देते हो कभी कभी
लगातार पीसती रही मेहदी
हरी की हरी ही रही
तेरा नाम लिखते ही हथेली पर
सहम कर लाल हो गई है
देखो न
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