देखना गौ़र से
छोङ आई हूँ उसी कमरे में
उसी बिस्तर पर
सिरहाने के नीचे तकिये की ओट में
मीठी मीठी यादें
तुम्हारे लिये
उन्हें संभाल कर रखना
धुंधली नीली रोशनी में बिखरे पडे़ होंगे
हमारे एहसास
बटोर लेना
मोगरे की खूशबू में पेवस्ता
रातरानी की महक
बेलगाम फैल रही होगी अभी तक
सम्भाल कर रखना
फिर मिलेंगे उसी नीली रोशनी तले
खूशबूदार एहसास के साथ।
___कमला सिंह "ज़ीनत "
छोङ आई हूँ उसी कमरे में
उसी बिस्तर पर
सिरहाने के नीचे तकिये की ओट में
मीठी मीठी यादें
तुम्हारे लिये
उन्हें संभाल कर रखना
धुंधली नीली रोशनी में बिखरे पडे़ होंगे
हमारे एहसास
बटोर लेना
मोगरे की खूशबू में पेवस्ता
रातरानी की महक
बेलगाम फैल रही होगी अभी तक
सम्भाल कर रखना
फिर मिलेंगे उसी नीली रोशनी तले
खूशबूदार एहसास के साथ।
___कमला सिंह "ज़ीनत "
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