दिल के जज़्बात
Friday, 13 November 2015
इन आँखों को
बे-मौसम
बरस जाने की आदत है
रोज़ बनाती रही
सीढियां
सहारे की
सीढियां ढहती रही
बहती रही
कमला सिंह 'ज़ीनत'
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